Praise the lord meaning in Hindi – प्रेज द लॉर्ड का मतलब क्या होता है ?

Praise the lord meaning in Hindi :- दोस्तों, कभी कभी अपने कुछ धार्मिक पुस्तकों में एक वाक्य पढ़ा होगा।यह वाक्य है – Praise the lord.

क्या आप जानते है, कि इसका क्या अर्थ है ? यदि नहीं। तो आज हम आपको praise the lord meaning in hindi में जानकारी देने जा रहे है।

इस लेख के माध्यम से आपको इस वाक्य से जुडी समस्त जानकारी प्राप्त कर पाने में सहायता मिल सकेगी, तो आइये इस लेख को पढ़ना प्रारम्भ करते है। 


Praise the lord meaning in Hindi

Praise the lord का अर्थ है – प्रभु की स्तुति करना। अतः अपने ईश्वर की आराधना कराना या उनका वंदन करना या उनकी आराधना करना ही praise the lord कहा जाता है।


प्रभु की स्तुति से क्या तात्पर्य है ?

प्रभु की स्तुति अर्थात praise the lord का अर्थ है कि हम ईश्वर को याद करते हुए उनकी महिमा, शक्ति और उपकारों के बारे में बोलते हैं और उन्हें अपनी पूजा और समर्पण से सम्मानित करते हैं।

इससे हमारी आत्मा को शांति, शक्ति और धैर्य मिलता है और हमारे जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


भगवान की आराधना करना क्यों आवश्यक है ?

भगवान की आराधना करना धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह हमारे आत्मिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होता है।

इससे हम ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास का प्रकटीकरण करते हैं और उनसे संबंध स्थापित करते हैं। याद रखिये praise the lord करके हम अपने कर्मों की पवित्रता बढ़ाते हैं और अधिकतम सुख, शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त करते हैं।

भगवान की आराधना से हमारी आत्मा को आराम मिलता है और हम दूसरों के प्रति अनुकंपा, प्रेम और सहानुभूति की भावना विकसित करते हैं।


प्रभु की स्तुति करने के फायदे

प्रभु की स्तुति करने के अनेक फायदे होते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :-

  1. चिंताओं और स्थूल जगत के अतिरिक्त चीजों से बचाव: प्रभु की स्तुति करने से हम चिंताओं और स्थूल जगत के अतिरिक्त चीजों से बचाव पाते हैं।
  2. शांति का अनुभव: प्रभु की स्तुति करने से हमें शांति का अनुभव होता है।
  3. भावनात्मक विकास: praise the lord करने से हमारी भावनात्मक शक्ति बढ़ती है और हम प्रेम और सहानुभूति की भावना विकसित करते हैं।
  4. कर्मों की पवित्रता: प्रभु की स्तुति करने से हमारे कर्मों की पवित्रता बढ़ती है और हम सही मार्ग पर चलते हैं।
  5. सुख, समृद्धि और सफलता: प्रभु की स्तुति करने से हम सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करते हैं।
  6. अन्तर्यात्मा का विकास: प्रभु की स्तुति करने से हमारी आत्मा का विकास होता है और हम अपनी अंतर्यात्मा को जानते हैं।

धार्मिक दृश्टिकोण से प्रभु की स्तुति करने का महत्व

धार्मिक दृष्टिकोण से प्रभु की स्तुति करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह हमें आत्मिक और मानसिक रूप से स्थिर रखता है और हमें स्वर्गीय सुख की प्राप्ति में सहायता करता है।

praise the lord करने से हम उन्हें समर्पित हो जाते हैं और उनसे अपने मन की अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करते हैं। हमारी सभी दुखों और दुर्भावनाओं का अंत हमारे प्रभु के चरणों में होता है, जब हम उन्हें स्तुति करते हैं।


किस प्रकार से करें प्रभु की स्तुति

प्रभु की स्तुति करने के लिए कुछ उपयुक्त तरीके हैं, जो निम्नलिखित हैं :-

  1. मंत्र जप: प्रभु की स्तुति करने के लिए मंत्र जप कर सकते हैं। इसके लिए हमें उच्चारण करने के लिए कुछ मंत्र उपलब्ध होते हैं जैसे ‘हरि ओम’, ‘राम नाम’, ‘शिवाय नमः’ आदि।
  2. ध्यान: praise the lord करने के लिए ध्यान कर सकते हैं। इसके लिए आप शांत महासागर के जैसे स्थान में बैठ कर अपने दिमाग को शांत करें। फिर अपने मन में प्रभु का नाम उच्चारण करें और उन्हें स्मरण करें।
  3. पूजा: प्रभु की स्तुति करने के लिए पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आप प्रभु के फोटो या मूर्ति के सामने बैठें और उन्हें अपने प्रणाम के साथ पूजें।
  4. स्तोत्र: प्रभु की स्तुति करने के लिए स्तोत्र पढ़ सकते हैं। इसके लिए आप आपकी भाषा में उपलब्ध स्तोत्र का चयन कर सकते हैं और उन्हें पढ़ सकते हैं।
  5. अभिनंदन और आरती: प्रभु की स्तुति करने के लिए अभिनंदन और आरती भी कर सकते हैं।

ईश्वर की आराधना करते समय किन किन बातों का ध्यान रखे ?

Praise the lord करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ये कुछ इस प्रकार है :-

  1. शुद्धता: आराधना करने से पहले अपने शरीर और मन को शुद्ध करें। इससे आपका ध्यान ईश्वर की ओर से खिंचा रहेगा।
  2. शांति: आराधना के समय अपने वातावरण को शांत करें। ध्यान का अभ्यास करें जो आपको शांति और समाधान देगा।
  3. भक्ति: अपनी आराधना में भक्ति के साथ जुड़ें। आप ईश्वर की प्रेम और दया की ऊर्जा का अनुभव करेंगे।
  4. आभास: अपनी आराधना के समय ईश्वर की उपस्थिति का आभास करें। यह आपको अपने आप से अलग करके आपको ऊर्जा के लिए खुली जगह बनाएगा।
  5. विनम्रता: अपनी आराधना में विनम्रता और समर्पण का भाव रखें। ईश्वर से सम्बंधित सभी जीवों के प्रति प्रेम दिखाएँ।
  6. ध्यान: अपने ध्यान को एकाग्र करें। ध्यान एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो आपको आपके मन की उन्नति और आत्म-विकास की ओर ले जाएगा।

Praise the lord करते समय क्या न करें ?

प्रभु की स्तुति करते समय आपको कुछ काम नहीं करना चाहिए। ये हैं :-

  1. बातचीत नहीं करना चाहिए: प्रभु की स्तुति करते समय बातचीत नहीं करना चाहिए। यह आपके ध्यान को भटकाने में मदद करेगा।
  2. अनुचित विचार नहीं करना चाहिए: प्रभु की स्तुति करते समय अनुचित विचारों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
  3. वास्तविकता से दूर नहीं होना चाहिए: प्रभु की स्तुति करते समय वास्तविकता से दूर नहीं होना चाहिए। आपको अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।

FAQ’S :-

प्रश्न 1 – Praise the lord meaning in hindi में बताइये ?

उत्तर - इस वाक्य का हिंदी अर्थ है  “ प्रभु की स्तुति करना “।

प्रश्न 2 – मनुष्य के लिए प्रभु की स्तुति करना क्यों आवश्यक बताया गया है ?

उत्तर - प्रभु की स्तुति करने से हमारा आध्यात्मिक विकास होता है। यह हमें उच्चतम तत्त्वों की 
ओर ले जाता है, साथ ही साथ यह भाव हमारे हृदय में स्नेह को भी जाग्रत करता है।

प्रश्न 3 – प्रभु की स्तुति किस प्रकार करनी चाहिए ?

उत्तर - प्रभु की स्तुति करते समय हमें अपने मन को शुद्ध और स्वच्छ रखना चाहिए, ताकि हम 
जीवन में होने वाले बुरे कामों से परेशान न हो साथ ही साथ प्रभु की भक्ति और उनके प्रति 
आदर प्रकट करना चाहिए। और प्रभु की महिमा के प्रति समर्पण का भाव अपने मन रखना चाहिए।

प्रश्न 4 – Praise the lord करने के क्या लाभ है ? 

उत्तर - भगवान के प्रति आस्था रखने से आपके मन में शुद्ध विचारों का जन्म होता है। 
आप सकरात्मक विचारो को धारण करते है, इसके अलावा प्रभु की स्तुति करने से 
जीवन के दुखों को कम करने मदद मिल पाती है।   

प्रश्न 5 – प्रभु की स्तुति करते समय क्या न करें ?

उत्तर - प्रभु की स्तुति करते समय आपस में बातचीत नहीं करनी चाहिए और न ही अनुचित विचारों 
के बारे में नहीं सोचना चाहिए। ऐसा करने से आप प्रभु के प्रति अपना ध्यान नहीं क्रेंदित कर पाते है। 

निष्कर्ष :-

इस लेख के माध्यम से आपको Praise the lord meaning in hindi की जानकारी उपलब्ध कराई गयी, जिसमे आपको इस वाक्य के हिंदी अर्थ के बारे में उपयोगी बाते बताई गयी।

इसके अलावा आपको यह भी बताया गया, कि प्रभु की स्तुति क्यों आवश्यक है और किस प्रकार करनी चाहिए। 

उम्मीद करते है, यह जानकारी प्राप्त करने के बाद आपको इस विषय से जुड़े सभी प्रश्नो के उत्तर प्राप्त हो गए होंगे। यदि आप आगे भी ऐसी ही जानकरियों से रूबरू होना चाहते है तो इस वेबसाइट को जरूर विजिट करें।


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