Jaiswal Caste in Hindi :- दोस्तों, इस समाज में व्यक्तियो के नाम को एक खास पहचान देने के लिए नाम के साथ सरनेम अर्थात उपनाम का प्रयोग किया जाता है, लेकिन कई ऐसे उपनाम ( सरनेम ) है, जिनके बारे में जानने की जिज्ञासा सदैव बनी रहती है।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से जयसवाल जाति के बारे में पूरी जानकारी देंगे। यह जानकारी आपको Jaiswal Caste in Hindi में बताई जा रही है, इसलिए यदि आप इसके बारे में अधिक जानकारी पाना चाहते है, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
Jaiswal Caste किसे कहते है ?
जयसवाल एक भारतीय जाति है, जोकि वैश्य समाज का हिस्सा मानी गयी है। यह जाति उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड राज्यों में पायी जाती है।
इस जाति के लोग बनिया वर्ण के माने जाते हैं और उनका मुख्य धंधा कृषि तथा व्यापार करना है। इस जाति के लोगों का इतिहास भारतीय इतिहास में काफी प्राचीन है।
जयसवाल जाति का इतिहास
जैसा कि लेख में बताया गया, कि Jaiswal Caste का इतिहास काफी प्राचीन है लेकिन इस जाति के लोगों का मूल नाम ‘ जयस ‘ था, यह नाम महाराज सुदास के बेटे शृत्केतु के पुत्र जाह्नवी के नाम पर रखा गया था।
जयसवाल जाति का इतिहास राजस्थान के राजपूताना समाज के साथ जुड़ा हुआ है। इस जाति के लोगों का मुख्य धंधा कृषि और व्यापार था।
इस जाति के लोग वैश्य वर्ण के माने जाते हैं और इसलिए इनकी संस्कृति और शैली भी उन्ही के समान है। इन्होंने अपनी जाति का विस्तार राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड आदि राज्यों तक कर लिया है।
Jaiswal Caste के लोगों के पास अपनी विशिष्ट परंपरा, संस्कृति और धर्म होता है, जो उन्हें एक अलग पहचान देने में सहायता प्रदान करता है।
जायसवाल जाति किस श्रेणी में आती है ?
जयसवाल जाति भारतीय समाज के बनिया श्रेणी में आती है। इस समुदाय के लोग व्यापार और वित्तीय सेवाओं में विशेष रूप से माहिर होते हैं। यह जाति भारतीय समाज के अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल की गयी है।
जयसवाल बनिया कहाँ पाये जाते है ?
Jaiswal Caste उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड राज्यों में पाए जाते हैं। वे उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, बलिया, जालौन, फैजाबाद, सुलतानपुर, बहराइच, बस्ती, गोंडा और मौरावी क्षेत्रों में काफी संख्या में है।
इसके अलावा बिहार के सीतामढ़ी, दरभंगा, मधेपुरा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और अररिया जिलों में भी जयसवाल बनियों की संख्या अधिक हैं।
जयसवाल व्यक्तियों का प्रमुख व्यवसाय
जयसवाल लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और व्यापार होता है। वे धान, गेंहूँ, जौ, मक्का, तंबाकू, गन्ना, सरसों, तिलहनी और दलहनी जैसी फसलों की खेती करते हैं।
इसके अलावा वे छोटे-मोटे व्यापार भी करते हैं, जैसे कि दुकानें और अन्य व्यवसाय जैसे कि फ्यूल पंप, बुकिंग एजेंट आदि। जयसवाल बनिया लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में व्यापार के लिए भी जाने जाते हैं।
Jaiswal Caste लोगों के प्रमुख रीती रिवाज
जयसवाल समुदाय के प्रमुख रीति रिवाज विस्तार से निम्नलिखित हैं :-
- विवाह रीति: जयसवाल समुदाय में दोली सजाने की परंपरा होती है। दुल्हन अपने घर से दोली में बिठाई जाती है जो दुल्हे के घर तक ले जाई जाती है। इसके बाद विवाह समारोह होता है जिसमें भोजन, गीत-नृत्य और दान-पुण्य का कार्यक्रम होता है।
- धर्म रीति: जयसवाल समुदाय के लोग हिंदू धर्म के अनुयायी होते हैं। इनका मुख्य धर्म विष्णुजी और शिवजी के आदर्शों पर आधारित होता है। इसके अलावा इनके पास कुछ अलग धर्मिक परंपराएं भी होती हैं जैसे महावीर जयंती, जन्माष्टमी, होली और दीपावली जैसे त्योहारों का भी उत्सव मनाया जाता है।
- परंपरा:Jaiswal Caste में परंपरागत वस्तुओं का काफी महत्व होता है। इनमें धातु के बरतन, सोने के आभूषण और ज्वेलरी, पागड़ी, शेरवानी और लेहंगे शामिल होते हैं।
जयसवाल लोगों की खास परम्परा
जयसवाल समुदाय में विवाह एक बड़ा उत्सव होता है, जो बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें लड़की के घर जाने के बाद उसे धन देकर उसके साथ विदाई की तैयारी की जाती है।
यह समुदाय धार्मिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों में भी अधिक रूचि रखता है। वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखने के लिए विभिन्न पर्वों एवं त्योहारों का भी आयोजन करते हैं।
Jaiswal Caste के लोग अपनी विशेष परंपराओं और भाषा को बहुत महत्व देते हैं।
जयसवाल समाज की कुल देवी
जयसवाल समाज की कुल देवी जागदम्बा और हिंगलाज माता है। माँ जागदम्बा को दुर्गा, शक्ति, चमुण्डा, काली आदि नामों से भी जाना जाता है। उन्हें समस्त समुदाय की समृद्धि, सुख और सफलता की प्रार्थना की जाती है।
इस समाज के लोग माँ जागदम्बा के प्रति अत्यंत श्रद्धालु होते हैं और उनकी पूजा विशेष ध्यान देकर करते हैं।
जायसवाल जाति को सरकारी सेवाओं में मिलने वाला लाभ
भारत में जयसवाल जाति को सरकारी सेवाओं में आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश में Jaiswal Caste को अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में रखा गया है और इस श्रेणी में दिए जाने वाले आरक्षण को देकर इन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओ का लाभ दिया जा रहा है।
FAQ’S:-
प्रश्न 1 – Jaiswal Caste in Hindi में बताइये ?
उत्तर - जयसवाल भारत में रहने वाली एक प्रमुख जाति है जोकि अन्य पिछड़ा वर्ग समूह के अंतर्गत आती है। इस जाति के व्यक्ति वैश्य समाज के अंतर्गत आते है।
प्रश्न 2 – जयसवाल जाति से सम्बंधित सरनेम बताइये ?
उत्तर - जयसवाल जाति के सम्बंधित सरनेम के अंतर्गत गोयल, मित्तल, बन्सल, गुप्ता, अग्रवाल, जैन, जिंदल, खंडेलवाल, गहलोत, सरावट आदि बनिया शामिल है।
प्रश्न 3 – जयसवाल जाति की उत्पत्ति कैसे हुई ?
उत्तर - Jaiswal Caste की उत्पत्ति के बारे में अनेक मान्यताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार, यह जाति महाभारत के काल में कुंती के तीन पुत्रों में से एक जयसेन के नाम से जन्म ली थी। जयसेन ने अपने उत्तराधिकारी युधिष्ठिर के साथ अपने वंश का विस्तार किया। इसी कारण इस जाति को जयसेन के नाम पर जयसवाल कहा जाता है। दूसरी मान्यता के अनुसार, जयसवाल जाति उत्तर भारत में अपने व्यापार के कारण प्रसिद्ध हुई। इस जाति के लोग धातु एवं ज्वलनशील तत्वों के व्यापार में जुड़े रहते थे।
प्रश्न 4 – जयसवाल जाति भारत के किन क्षेत्रो में फैली हुई है ?
उत्तर - Jaiswal Caste भारत के विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। वे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में रहते हैं। इस जाति के व्यक्ति सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के पूर्व उत्तरी जिलों में सबसे अधिक है। इन जिलों के नाम कुशीनगर, बलिया, जालौन, फैजाबाद, सुलतानपुर, बहराइच, बस्ती, गोंडा है।
प्रश्न 5 – क्या जयसवाल जाति को सरकार द्वारा आरक्षण दिया जाता है ?
उत्तर - जी, हाँ इस जाति को देश के विभिन्न राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग समूह के अंतर्गत रखा गया है तथा इन्हे OBC आरक्षण के तहत सरकारी सेवाओं में लाभ दिया जाता है। कई बार इस जाति के लोगो द्वारा इन्हे अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए कहा गया है। इस बारे में सरकार का फैसला विचारधीन है।
निष्कर्ष :-
इस लेख के माध्यम से आपने Jaiswal Caste in hindi के बारे में जानकारी हासिल की। जिसमे आपको इस जाति के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कराई गयी।
यह लेख आपको यह बताने में काफी उपयोगी साबित हुआ होगा, कि जयसवाल जाति क्या है, कहां पायी जाती है, किस श्रेणी के अंतर्गत पायी जाती है।
इसके अलावा आपने यह भी जाना, कि इस जाति के लोगो की क्या क्या परम्पराये है ? अतः इन सभी जानकारियों को पढ़ने के बाद अब आपके इस विषय से जुड़े सभी प्रश्नो के जवाब मिल गए होंगे।
उम्मीद करते है, आप हमारे साथ आगे भी कुछ ऐसी ही रोचक जानकरियों को पढ़ना पसंद करेंगे।
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