Jha Caste in Hindi – ” झा ” जाति का क्या मतलब होता है ?

Jha Caste :- आज के इस लेख में हम ” झा ” जाति का क्या मतलब होता है ? के बारे में चर्चा करने वाले हैं। दरअसल यह एक भारतीय उपनाम है, जो भारत के कुछ विशेष जाति द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।

लेकिन इस नाम का इस्तेमाल किन जातियों द्वारा किया जाता है, इसके बारे में हम यहां बात करेंगे।

” झा ” उपनाम के पीछे एक विशेष कहानी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम यहां उस इतिहास पर भी चर्चा करने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।


Jha Caste in Hindi – ” झा ” जाति का क्या मतलब होता है ?

झा ( Jha ) एक भारतीय उपनाम है, जो कई भारतीय जातियों और समुदायों में देखने को मिलता है। इस उपनाम का इस्तेमाल विभिन्न जातियों में होता है. जैसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र आदि। झा ( Jha ) उपनाम के पीछे एक पूरा इतिहास है, जो इन तमाम जातियों से जुड़ा है।

उत्तर भारत में ” झा ” उपनाम का इस्तेमाल ब्राह्मण जातियों में सबसे अधिक किया जाता है। विशेष तौर पर झा उपनाम का इस्तेमाल मैथिल के ब्राह्मण करते थे, जो पंचगौड ब्राह्मणों के अंतर्गत आते थे।

मैथिली या मिथिला के रहने वाले होने के वजह से इन्हें मैथिल कहा जाता था। हालांकि प्राचीन समय में मिथिला एक अलग राज्य हुआ करता था परंतु अब यह उतरी बिहार के अंतर्गत ही आता है।

वर्तमान में यह उपनाम मुख्य रूप से बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश राज्य में अधिक देखने को मिलता है, इस नाम का इस्तेमाल ज्यादातर लोगों के नामों के आखिरी भाग में किया जाता है, जैसे कि राम ज्योति झा, महेश झा आदि।


” झा ” ( Jha ) शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई है ?

झा ( Jha ) शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है। इस शब्द का उल्लेख वेदों में भी देखने को मिलता है। वेदों में इस शब्द का उपयोग अग्नि के पुरोहितों को या अग्निहोत्र यज्ञ के प्रयोग को दर्शाने के लिए किया जाता था।

इसके अलावा झा ( Jha ) शब्द की उत्पत्ति को लेकर विभिन्न लोगों की अलग-अलग राय है, जैसे कुछ लोगों का कहना है, कि यह नाम संस्कृत शब्द झिल्ली से लिया गया है, जिसका मतलब होता है – पतली धातु का झुका हुआ टोकरा।

इसके अलावा कुछ लोगों का कहना है, कि झा ( Jha ) नाम को भोजपुरी, मैथिली और मगही  भाषाओं में छत के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इसके अलावा यह उपनाम बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे कुछ राज्यों में अधिक प्रचलित है,  जहां झा ( Jha ) नाम के रहने वाले लोगों को झरिया ( Jhariya ) भी कहा जाता है।


” झा ” कौन सी जाती है ? – ( Jha Caste )

झा एक भारतीय उपनाम या सरनेम है, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग जातियों के लोगों के द्वारा उपयोग में लाया जाता है।

इस उपनाम को कई जातियों के लोगों के नाम के अंत में लगाया जाता है, विशेषतौर पर झा ( Jha )  उपनाम मैथिली ब्राह्मणों में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य में भी झा (Jha) उपनाम का इस्तेमाल किया जाता है।

यह उपनाम मुख्य रूप से ब्राह्मणों में अधिक देखने को मिलता है। हालांकि की इसके अलावा भी अन्य कई जातियां हैं, जो झा ( Jha ) उपनाम का प्रयोग करते हैं।

वैसे ” झा ” उपनाम का प्रयोग अक्सर ब्राह्मण, तिवारी, भट्ट, ठाकुर और राजपूत जैसे जातियों के लोगों के नाम के अंत में लगाया जाता है।

इसके अलावा अन्य प्रमुख जातियां जैसे कायस्थ, मौर्य, शुक्ल, सरयूपारी, पांडे आदि में भी ” झा ” ( Jha ) उपनाम लगाया जाता है। इसलिए झा उपनाम के लोगों की जाति विभिन्न हो सकती है और उनका संबंध भी विभिन्न वर्गों से हो सकता है।


मैथिली ब्राह्मणों में झा उपनाम का इस्तेमाल

प्राचीन समय से ही मैथिली ब्राह्मणों में ” झा ” उपनाम का इस्तेमाल सामान्य तौर पर होता है। ” झा ” ( Jha ) उपनाम मैथिली ब्राह्मण समुदाय के संस्कृति और इतिहास से बहुत गहरा रिश्ता है। 

” झा ” ( Jha ) नाम का प्रचलन विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, नेपाल, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है।

मैथिली ब्राह्मण लोगों को ” झा ” ( Jha ) उपनाम वंशानुगत के आधार पर दिया जाता है,  जो उनके परिवार के पूर्वजों से आता है। यह उपनाम का इस्तेमाल मेथी ब्राह्मणों  के अलग-अलग वंशो में किया जाता है।

यहां तक कि अक्सर ” झा ” ( Jha ) उपनाम अन्य नामों के साथ मिलकर भी रखे जाते हैं, जैसे झा शंकरिया, झा मोहन आदि। 

” झा ” ( Jha ) उपनाम वाले ब्राह्मण लोग अपने परंपरागत संपदा को बहुत महत्व देते हैं और उसे अपने उपनाम के जरिए दर्शाते हैं।


” झा ” ( Jha Caste ) उपनाम का इतिहास

प्राचीन काल में मैथिली ब्राह्मण समुदाय में झाड़ू मारने वाले काम ‘ उवज्झा ‘ नाम से जाना जाता था। लेकिन बाद में झाड़ू मारने वाले काम को ‘ ओझा ‘ नाम से जाना जाने लगा और धीरे-धीरे फिर इसका नाम ओझा से परिवर्तित होकर ‘ झा ‘ हो गया, जो आज भी मैथिली ब्राह्मण समुदाय में उपनाम के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

झाड़ू मारने वाले काम को पाली भाषा में ‘ उवज्झा ‘ या ‘ उज्झा ‘ कहा जाता था, जो संस्कृत शब्द ‘ उद्वस्त्र ‘ से आया था।

जिसका अर्थ होता है ‘ धूल उठाना या सफाई करना ‘ और इस काम के लिए जो व्यक्ति नियुक्त किए जाते थे, उन्हें उवज्झा या उज्झा कहा जाता था।

धीरे-धीरे यह काम ” ओझा ” नाम से जाना जाने लगा जो संस्कृत शब्द ‘अवसादन’ से आया था, जिसका अर्थ होता है – ‘ सफाई करना ‘। लेकिन इस काम को करने वाले लोगों को अक्सर ” ओझा ” कहा जाता था, ब्लकि ” ओझा ” से भी अधिक इसे ” झा ” नाम से जाना जाता है।


FAQ’S:-

Q1. क्या मैथिली ब्राह्मण समुदाय में सिर्फ झा उपनाम इस्तेमाल होता है ?

Ans - जी नहीं मैथिली ब्राह्मण समुदाय में अन्य उपनाम भी इस्तेमाल होते हैं, जैसे मिश्रा, त्रिपाठी, शुक्ला, पांडे आदि।

Q2. क्या झा उपनाम वाले मैथिली ब्राह्मण लोग केवल बिहार में पाए जाते हैं ?

Ans - नहीं झा उपनाम वाले मैथिली ब्राह्मण बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा और 
नेपाल में भी पाए जाते हैं।

Q3. क्या झा समुदाय अनुसूचित जाति में आता है ?

Ans :- एनएसजी - जी नहीं " झा " ( Jha ) समुदाय अनुसूचित जाति जनजाति में शामिल नहीं होता है।

निष्कर्ष :-

आज का यह लेख Jha caste in hindi ( ” झा ” जाति का क्या मतलब होता है ? ) यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने झा उपनाम के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

यहां हमने बताया है, कि कौन लोग ” झा ” उपनाम का इस्तेमाल करते हैं और ” झा ” ( Jha ) नाम के पीछे का इतिहास क्या है।

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