Rathore caste :- मित्रों, भारत देश में अलग अलग धर्म के लोग पाये जाते है और इन धर्मो में कई विभिन्न जातियां भी पायी जाती है। जो व्यक्ति को उसकी एक पहचान देने में मदद करती है।
इसलिए आज हम आपको Rathore caste के बारे कुछ ऐसी रोचक जानकारी बताने जा रहे है, जिसे पढ़ने के बाद आपको राठौर जाति से जुडी समस्त जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
राठौर जाति किसे कहते है ? – Rathore caste
Rathore caste को राजपूत जातियों में से एक माना गया है। यह जाति भारत के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली राज्यों में काफी अधिक संख्या में पाई जाती है। इस जाति के लोग अपनी वीरता, साहस, और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं।
राठौर जाति का उद्गम
राठौर जाति के उद्गम के बारे में बात की जाये, तो इसका बखान इतिहास के कुछ ग्रंथों में पाया गया हैं। इन ग्रंथो के अनुसार, राठौर जाति का विकास राजपूताना क्षेत्र में हुआ था।
महाराजा जयसिंह को इस जाति की उत्पत्ति का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 12वीं शताब्दी में राजपूतों के इस समूह की रचना की थी और राठौर गोत्र को स्थापित करके समाज में इन्हें एक उच्च स्थान प्रदान किया था।
इसके अलावा, Rathore caste का उद्गम राजस्थान के जोधपुर जिले से भी जोड़ा गया है। एक समय में राठौर जाति के लोग इस स्थान पर शासक के तौर पर कार्यरत थे।
इसके अलावा आप राजस्थान के अन्य क्षेत्र जैसे उदयपुर, मेवाड़, झालावाड़, पाली आदि में भी राठौर जाति का विस्तार देख सकते है।
राठौर जाति के लोग कहां पाए जाते है ?
जैसा कि हम सभी इस बात को जानते है, कि राठौर जाति भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग है। ये जाति भारत के कई राज्य जैसे कि राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब आदि में पाई जाती है।
Rathore caste के लोग राजपूत समाज का अंग माने गए है और इनका इतिहास महाराणा प्रताप जैसे महान राजाओं से जुड़ा हुआ है।ये हिंदू धर्म के सामान्य वर्ग समूह में आते है।
बात की जाये इनके बोली भाषा की तो ये हिंदी और उर्दू भाषा का प्रयोग करते है। राठौर जाति के लोग शिक्षा के प्रति सकरात्मक और अपनी संस्कृतिक को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर रहते है।
राठौर जाति में पायी जाने वाली उपजातियाँ
राठौड़ जाति के कुछ उपजातियों के नाम इस प्रकार हैं :-
- राठौड़
- राजपूत
- चौहान
- राजवंशी
- बघेल
- सिसोदिया
- चौहानवंशी
- सोलंकी
- पवार
- टोमर
- जोधपुरिया
- बिस्टवंशी
- जाड़व
- देवदे
- जाट
राठौर जाति के लोगों का प्रमुख व्यवसाय
Rathore caste के लोगों का प्रमुख व्यवसाय पहले किसानी था। लेकिन आज के समय में इस जाति के लोगों का व्यवसाय बदल गया है और वे विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं।
वे टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सेवाएं, सैन्य और पुलिस सेवाएं, स्कूल और कॉलेजों, विभिन्न व्यापारों और सरकारी संस्थानों में काम करते हैं।
इसके अलावा, राठौर जाति के लोग आज भी अपने परंपरागत व्यवसाय जैसे किसानी, गढ़ना, पशुपालन, उत्तर भारत में दुकानें आदि करते हैं।
राठौर समाज के प्रमुख रीति रिवाज
राठौर समाज के प्रमुख रीति रिवाजों में से कुछ निम्नलिखित हैं :-
- विवाह: राठौर समाज में विवाह के पूर्व और पश्चात रस्में होती हैं। शुभ मुहूर्त पर विवाह समारोह में भाग लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- धर्म: Rathore caste के लोगों का धार्मिक आदर्श हिंदू धर्म है। वे अपने धर्म के परंपरागत त्यौहारों और उत्सवों को मानते हैं और उन्हें बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
- भोजन: राठौर समाज के लोग अपने भोजन का विशेष ध्यान रखते हैं। वे अपने भोजन को देखकर समझते हैं कि वह उन्हें कितनी ऊर्जा और पोषण प्रदान करेगा।
- परंपरा: राठौर समाज के लोग अपनी परंपराओं को महत्व देते हैं। वे अपनी पूर्वजों की बातों का अधिक महत्व देते हैं और उनके आदर्शों को अपनाते हैं।
- सामाजिक सम्मेलन: राठौर समाज के लोग सामाजिक सम्मेलनों का अधिक महत्व देते हैं। वे अपने सम्मेलनों में भाग लेकर समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
राठौर समाज की परम्पराएँ
Rathore caste की कुछ प्रमुख परंपराएं निम्नलिखित हैं :-
- धर्म और संस्कृति के प्रति आदर: राठौर समाज के लोग अपनी धर्म और संस्कृति के प्रति बहुत आदर रखते हैं। वे अपनी पूर्वजों की बातों का अधिक महत्व देते हैं और अपनी परंपराओं को बचाए रखने के लिए प्रयास करते हैं।
- विवाह: राठौर समाज में विवाह के रस्मों और रीति-रिवाजों का बहुत महत्व है। वे अपने विवाह को बहुत धूमधाम से मनाते हैं और विवाह समारोह में रस्मों को पूरा करने के लिए विशेष प्रयास करते हैं।
- ग्रामीण जीवन और खेती: Rathore caste के लोग ग्रामीण जीवन जीते हैं और खेती के लिए कृषि तकनीक का उपयोग करते हैं। वे अपने परिवार के साथ सदैव मिलजुल करके कृषि के क्षेत्र में काम करते हैं।
- सामाजिक सम्मेलन: राठौर समाज के लोग सामाजिक सम्मेलनों का अधिक महत्व देते हैं।
राठौर समाज की कुल देवी
राठौर समाज की कुल देवी माँ मीनाक्षी है। उन्हें काशीपुर नगरी के मंदिर में भगवान शिव की पत्नी और जगदम्बा रूप में पूजा जाता है।
इसके अलावा, राठौर समाज के लोग माँ दुर्गा, महिषासुरमर्दिनी, काली माँ, गंगा माँ, जय आद्या शक्ति, विष्णु, हनुमान और सूर्य देव की भी पूजा करते हैं।
इन देवताओं के अलावा, राठौर समाज में अनेक धार्मिक तथा सांस्कृतिक रीति-रिवाज भी होते हैं।
FAQ’S:-
प्रश्न 1 – Rathore caste के बारे में जानकारी दीजिये ?
उत्तर - Rathore caste के लोगों के अनुसार, उनका नाम राजा राठोर से लिया गया है, जो इस जाति के धर्म प्रचार के लिए जाने जाते थे। इस जाति के लोगों की भाषा राजस्थानी होती है और धर्म में अधिकतरता से हिंदू होते हैं।
प्रश्न 2 – राठौर जाति का गोत्र क्या है ?
उत्तर - राठौड़ जाति के कुछ उपजातियों में विभिन्न गोत्र होते हैं, लेकिन अधिकांश राठौड़ जाति के लोग शंखला गोत्र से जुड़े हुए होते हैं। शंखला गोत्र भारतीय ज्योतिष में कन्या राशि से जुड़ा होता है और इस गोत्र के लोगों को धार्मिक तथा सामाजिक आदर्शों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न 3 – Rathore caste की प्रमुख परम्परा के बारे में बताइये ?
उत्तर - राठौड़ जाति की प्रमुख परंपराओं में सबसे अहम है उनका राजपूताना एवं समाज के प्रति निष्ठा। वे अपनी संस्कृति, विरासत और समाज की अनुसूचित आवश्यकताओं के प्रति विशेष ध्यान रखते हैं। उनके परिवार में संस्कार, त्यौहार और संगीत आदि का ख़ास महत्व होता है।
प्रश्न 4 – राठौर जाति की कुल देवी कौन है ?
उत्तर - राठौर समाज की कुल देवी माँ मीनाक्षी है। उन्हें काशीपुर नगरी के मंदिर में भगवान शिव की पत्नी और जगदम्बा रूप में पूजा जाता है। इसके अलावा, राठौर समाज के लोग माँ दुर्गा, महिषासुरमर्दिनी, काली माँ, गंगा माँ, जय आद्या शक्ति, विष्णु, हनुमान और सूर्य देव की भी पूजा करते हैं।
प्रश्न 5 – राठौर जाति के लोगों का प्रमुख व्यवसाय क्या है ?
उत्तर - Rathore caste के लोगों के प्रमुख व्यवसाय राजस्थान के रूप-रंग, राजशाही, और शिकार के साथ-साथ खेती, पशुपालन, गांव के लिए आवश्यक सामानों व परिरक्षण वस्तुओं का व्यापार शामिल है। वे भी वस्तु निर्माताओं, वितरकों, और व्यापारियों के रूप में काम करते हैं।
निष्कर्ष :-
इस लेख के माध्यम से आपने Rathore caste के बारे जानने की कोशिश की। जिसके अंतर्गत आपको राठौर जाति किसे कहते है, किन क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक है और इनके प्रमुख रीति रिवाज क्या है, इसके अलावा आपने यह भी जाना कि राठौर जाति के लोगों का प्रमुख व्यवसाय क्या है।
उम्मीद करते है, यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आप ऐसी ही रोचक जानकारियों से रूबरू होना चाहते है तो इस वेबसाइट के अन्य आर्टिकल को भी जरुर पढ़े।
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