Tryst with destiny meaning in Hindi

Tryst with destiny meaning in Hindi :-क्या आप जानते हैं, Tryst with destiny क्या है? जैसे कि आज कल की डिजिटल युग में लोग https://aviator-now.com/en/jetx/जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग का अनुभव ले रहे हैं, ठीक वैसे ही Tryst with destiny एक महत्वपूर्ण इतिहासिक भाषण का अंश है। क्या आपको Tryst with destiny कामतलब क्या होता हैं पता है? 

यदि नहीं, तो इस लेख में अंत तक बने रहे, क्योंकि आज का यह लेख बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।

आज के इस लेख में हम विश्व का सबसे प्रसिद्ध वाक्य Tryst with destiny के बारे में बात करने वाले हैं। Tryst with destiny केवल वर्तमान में ही नहीं, बल्कि भारत के इतिहास में भी गोल्डन अक्षरों में लिखा हुआ है, जिसके बारे में हर भारतवासी को जानकारी होना चाहिए।

तो चलिए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं – Tryst with destiny meaning in Hindi क्या है ?


Tryst with destiny meaning in Hindi – Tryst with destiny का मतलब क्या होता है ?

Tryst with destiny एक भाषण है, जिसे स्वतंत्रता के बाद पहली बार भारत के नागरिकों के बीच दिया गया था। यह भाषण आज के समय में भी ना केवल भारत में बल्कि विश्व भर में Tryst with destiny के नाम से प्रसिद्ध है।

Tryst with destiny का हिंदी मतलब होता है, 'नियति से मिलने का वादा या नियति के साथ भेंट या फिर से नियति से साक्षात्कार' भी कहा जाता है। यह भाषण कहते हैं, बीसवीं शताब्दी के सबसे महान और पावरफुल भाषणों में से एक है।

इस भाषण में Tryst with destiny शब्दों का इस्तेमाल उन इच्छाओं और अभिलाषाओं को बयान करने के लिए किया गया था, जो भारत और उसके लोगों को उनके नए भविष्य के साथ संबोधित करते हुए अभिव्यक्त किए गए थे।

इस भाषण को देने वाले ने उस समय कहा था, कि भारत ने अपने आप को इस बड़ी घटना के लिए तैयार किया है और यह अपनी नई नीतियों, उत्साह और निर्धारित संकल्प के साथ अब भविष्य में आगे बढ़ने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।

इस भाषण में Tryst with destiny का मतलब है, कि भारत के लोगों का नया भविष्य उनके इच्छाओं और अभिलाषा ओं के साथ जुड़ा होगा और उन्हें अपनी खुशी और संतुष्टि के साथ आगे बढ़ने की पूरी आजादी दी जाएगी।


Tryst with destiny speech किसने दिया था ?

भारत के स्वतंत्रता के समय भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यह भाषण Tryst with destiny दिया था। भारत के पूर्व प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त की आधी रात को वायसराय लॉज, जो कि वर्तमान में राष्ट्र भवन है, वहां से यह ऐतिहासिक भाषण Tryst with destiny दिया था। उस समय इस भाषण को ना केवल भारत में बल्कि विश्व भर में सुना गया था।

इस ऐतिहासिक भाषण Tryst with destiny पर अनगिनत विद्वानों ने अपनी अपनी राय दी थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिया गया, यह भाषण आज भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा भारत सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

यह भाषण भारत के इतिहास में गोल्डन अक्षरों में दर्ज है। इस भाषण को स्वतंत्रता के अवसर पर लोगों के सामने दिया गया था, इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति और भारत के उद्देश्य का महत्व लोगों को समझाना था और भारत के लोगों को उनके भविष्य के लिए एक संकल्प लेने की अपील भी इसके माध्यम से की गई थी।


Tryst with destiny किसने लिखा था ?

Tryst with destiny भाषण को लिखने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु थे।

इस भाषण को उन्होंने भारत के स्वतंत्रता के अवसर पर यानी 15 अगस्त 1947 को आधी रात (24:00) में लोगों के सामने दिया था।

वह भारत की स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण अवसर था, उस समय भारत को आजादी मिलने के साथ-साथ नई भारतीय संविधान व्यवस्था की शुरुआत भी  हुई थी।

इस भाषण का उद्देश्य था, कि भारत के लोगों को उनके भविष्य के लिए एक संकल्प लेने की अपील करें और भारत के नए अध्याय को आरंभ करने के लिए राष्ट्र को उत्तेजित करें।

इस भाषण में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के उद्देश्य और भारतीय संस्कृति के महत्व को बताया था। उन्होंने इस भाषण में भारत के भविष्य के संबंध में भव्य सपनों को लोगों के सामने रखा था।

नेहरू जी ने इस भाषण में उन सभी लोगों का स्मरण किया, जो अपने जीवन के लिए अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ते रहे और अपने देश के लिए बलिदान दिए।

Tryst with destiny नेहरू जी की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाषण थी, जिसमें उन्होंने भारत के भविष्य के संबंध में उनके सपनों को दर्शाया था और लोगों को एक समान होकर भारत के सपने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया था।

भारतीय कांग्रेस पार्टी ने साल 2019 में अपने 135 वें स्थापना दिवस के मौके पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित Tryst with destiny भाषण का draft लोगों के साथ शेयर किया था।

उस draft के अनुसार नेहरू जी ने उसे ‘Date with destiny’ ( भाग्य के साथ तारीख ) के बारे में लिखा था, लेकिन बाद में उन्होंने इससे Tryst with destiny ( नियति के साथ भेंट ) के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया।

कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर इस ड्राफ्ट को एक महत्वपूर्ण तथ्य के रूप में लोगों के सामने रखा गया था, इसे शेयर करते हुए कांग्रेस पार्टी ने लोगों को इतिहास के बारे में जागरूक करने की कोशिश की और इस भाषण की महत्ता को उत्कृष्ट ढंग से प्रदर्शित किया।


प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी के ड्राफ्ट में क्या है ?

Tryst with destiny नामक यह ड्राफ्ट जिसे खुद नेहरू जी ने लिखा था और स्वतंत्रता के अवसर पर लोगों के सामने प्रस्तुत भी किया था, यह आज भारत देश के साथ-साथ भारतीय इतिहास का भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

यह ड्राफ्ट बहुत बार जवाहरलाल नेहरू जी के संबंधित शोधकर्ताओं द्वारा प्रयोग किया जाता है। इस ड्राफ्ट को कांग्रेस पार्टी के 135 वें स्थापना दिवस के मौके पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रस्तुत किया था।

उन्होंने कहा था, कि नेहरू जी का Tryst with destiny भाषण हमेशा से हमारे देश के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। और यह उस वक्त की घटनाओं का एक महत्वपूर्ण संदर्भ बना हुआ है आज भी इस ड्राफ्ट से हम नेहरू जी द्वारा दिए गए संदेश को संजोने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने ड्राफ्ट में लिखा था की ‘कई वर्षों पहले हमने नियति के साथ एक तारीख बनाई थी और अब वह समय आ गया है, जब हम अपनी इस प्रतिज्ञा को पूरी तरह से या यूं कहें, तो पूरी तरह से भी नहीं बल्कि बहुत हद तक इसे पूरा करेंगे।

आधी रात की उस हड़ताल पर जब पूरी दुनिया सोती है, तब भारत हमारा देश जीवन और आजादी के लिए जागेगा।


FAQ’S:-

Q1. Tryst with destiny का क्या मतलब होता है ?

Ans - Tryst with destiny का मतलब है, नियति से मिलने का वादा या फिर नियति से साक्षात्कार।

Q2. Tryst with destiny क्या है ?

Ans - Tryst with destiny एक प्रसिद्ध भाषण है, जिसे स्वतंत्रता के अवसर पर आधी रात को लोगों 
के सामने दिया गया था।

Q3. Tryst with destiny भाषण किसने दिया था ?

Ans - Tryst with destiny भाषण भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने दिया था।

Q4. Tryst with destiny भाषण को किसने लिखा था ?

Ans - Tryst with destiny भाषण को कोई और नहीं बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने खुद लिखा था।

निष्कर्ष :-

आज का यह लेख Tryst with destiny meaning in Hindi ( Tryst with destiny का मतलब क्या होता है ? ) यहीं पर समाप्त होता है।

आज के इस लेख में हमने आपको बताया, कि Tryst with destiny क्या है और यह हमारे देश के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है ?

उम्मीद करते हैं, आज के इस लेख के माध्यम से आप Tryst with destiny भाषण के बारे में पूरी तरह से जान गए होंगे।

यदि फिर भी इस विषय से संबंधित आपको कोई प्रश्न पूछना है, तो आप कमेंट के माध्यम से हम से पूछ सकते हैं। और यदि यह लेख आपको पसंद आया हो, तो कृपया इसे अन्य लोगों के साथ शेयर करें ताकि जिन्हें इसकी जानकारी नहीं है, उन्हें भी इसके बारे में ज्ञान प्राप्त हो सके।


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