Saini Caste in Hindi – ” सैनी ” किस जाती के होते है ?

Saini Caste in Hindi :- भारत में विभिन्न प्रकार की जातियां पायी जाती है, जिसमें से सैनी जाति भी इसी समाज का हिस्सा है।

दोस्तों, कई लोगों को इस जाति के बारे में विशेष जानकारी नहीं रहती, इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको Saini Caste in Hindi के बारे में कई रोचक जानकारियों को बताने जा रहे है।


सैनी जाति का इतिहास – Saini Caste in Hindi

सैनी जाति का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे क्षत्रिय जाति माना जाता है। इस जाति का मूल नाम ‘शाख’ है जो बदलते समय के साथ ‘सैनी’ बन गया। सैनी शब्द का अर्थ होता है ‘सेना’ या ‘सैनिक’।

इस जाति के लोगों के पूर्वज सेना के अधिकारी थे और उन्होंने समय-समय पर अपने परंपरागत क्षेत्रों से बाहर भी विस्तार किया।

सैनी जाति का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है। महाभारत में Saini Caste का उल्लेख मिलता है। युद्ध के दौरान अर्जुन ने अपनी सेना में सैनिकों को रखा था, जिनमें से कुछ सैनिक सैनिक राजपूत थे और कुछ सैनिक सैनिक सैनिक शाख से थे।

इस जाति के लोगों के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। उनमें से एक घटना उत्तर प्रदेश में हुई जब सैनी राजा सुधीर सिंह ने मुगल सम्राट अकबर से मिलकर उन्हें अपनी सेना में शामिल किया था। सैनियों ने उस समय मुगल सेना को बहुत मुश्किल में डाला और जीत हासिल की।


सैनी जाति किस वर्ग के अंतर्गत आते है ?

Saini Caste के बारे में विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न वर्गीकरण किया जाता है। उन्हें अलग-अलग वर्गों में रखा जाता है, जो उनके जातीय स्थान, स्थानीय उपजाति, जातीय रूपरेखा और इतिहास के आधार पर अलग-अलग होते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्यों में सैनी जाति को अलग-अलग वर्गों में रखा जाता है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में सैनी जाति को क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत रखा जाता है।

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तरांचल में उन्हें अनुसूचित जनजाति के रूप में गिना जाता है।

इसके अलावा, सैनी जाति को भारतीय सेना में भी काफी भर्ती किया जाता है। भारतीय सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक खास कोटा भी है जो Saini Caste के लिए होता है।


सैनी जाति में पायी जाने वाली उपजातियाँ – Saini Caste in Hindi

सैनी जाति कई उपजातियों से मिलकर बनी हुई है। कुछ प्रमुख उपजातियों के नाम निम्नलिखित हैं :-

  1. चौहान: इस उपजाति के लोग राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं। यह उपजाति अपनी क्षत्रिय स्थान के कारण बहुत प्रसिद्ध है।
  2. चाहर: यह उपजाति भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पाई जाती है।
  3. तोमर: तोमर उपजाति उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब में पाई जाती है।
  4. रावत: रावत उपजाति राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में पाई जाती है।
  5. पवार: यह उपजाति महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पाई जाती है।
  6. देसवाल: यह उपजाति पंजाब में पाई जाती है और इसे आमतौर पर क्षत्रिय वर्ग में रखा जाता है।

Saini Caste का प्रमुख व्यवसाय

सैनी जाति के लोगों का व्यवसाय विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होता है। इनमें से कुछ प्रमुख व्यवसाय निम्नलिखित हैं :-

  1. कृषि: सैनी जाति के लोग कृषि करने में विशेष रूचि रखते हैं। वे अपनी खेती में विभिन्न फसलों जैसे चावल, गेंहूँ, मक्का, धान और मूंगफली उगाते हैं।
  2. पशुपालन: सैनी जाति के लोग पशुपालन भी करते हैं। वे गाय, भैंस, बकरी, बैल, और मुर्गी पालतू पशुओं को पालते हैं और उनकी दूध, मांस और अन्य उत्पादों का व्यापार करते हैं।
  3. बुनाई: सैनी जाति के लोग बुनाई का व्यापार भी करते हैं। वे अलग-अलग प्रकार के कपड़ों को बुनते हैं जैसे कि साड़ी, सलवार-कमीज, शेरवानी और कुर्ता पाजामा आदि।
  4. व्यापार: कुछ Saini Caste के लोग व्यापार करते हैं। वे अपनी दुकानों में विभिन्न उत्पादों को बेचते हैं जैसे कि ग्राहक वस्तुएं, खाद्य पदार्थ और वस्तुएं।

सैनी जाति के प्रमुख रीति रिवाज

सैनी जाति के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रमुख रीति रिवाज होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख रीति रिवाज निम्नलिखित हैं :-

  1. विवाह रीति: सैनी जाति में विवाह बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस जाति के लोग अपने लिए समाज के अन्य सदस्यों के बीच विवाह करते हैं। इसके लिए लड़के के परिवार को लड़की के परिवार को एक शुभ मुहूर्त पर मिलकर अपने विवाह की समझौता करनी पड़ती है।
  2. परम्परागत वस्त्र पहनावा: Saini Caste के लोग अपनी परंपरागत वस्त्र पहनने में विशेष रूचि रखते हैं। पुरुष लोग धोती, कुर्ता और टोपी पहनते हैं जबकि महिलाएं साड़ी, सलवार कमीज़ और ओढ़नी पहनती हैं।
  3. धार्मिक उत्सव: सैनी जाति के लोग अपने धर्म से गहरी जुड़ाव रखते हैं। इसलिए उन्होंने विभिन्न धार्मिक उत्सवों का भी बड़ा महत्व दिया है। इनमें से कुछ प्रमुख उत्सव हैं जैसे होली, दिवाली, ईद, बैसाखी और गुरु पूर्णिमा।

सैनी जाति के लोगों का सामाजिक योगदान

सैनी जाति के लोगों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना सामाजिक योगदान दिया है। कुछ महत्वपूर्ण योगदानों के बारे में निम्नलिखित हैं :-

  1. सेना में सेवा: Saini Caste के लोग भारतीय सेना में अहम भूमिका निभाते हैं। वे सेना में अधिकारियों, जवानों और अन्य कार्यकर्ताओं के रूप में सेवा करते हैं।
  2. कृषि में योगदान: सैनी जाति के लोग भारत के कृषि सेक्टर में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वे देश के कुशल किसानों में से एक हैं जो विभिन्न फसलों को उगाते हैं और भारत की खाद्य संसाधनों को बनाए रखते हैं।
  3. सामाजिक उत्थान: सैनी जाति के लोग सामाजिक उत्थान के लिए भी योगदान देते हैं। वे अपनी जाति के लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की देखभाल करते हैं। वे सामाजिक उत्थान के लिए अपनी जाति के लोगों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करते हैं।

सैनी समाज की कुल देवी कौन है ?

Saini Caste की कुल देवी के बारे में विभिन्न कल्पनाओं और परंपराओं में विवाद होता है। कुछ समुदायों में दुर्गा माता या काली माता को सैनी समाज की कुल देवी माना जाता है, जबकि कुछ अन्य समुदायों में शीतला माता या जगदम्बा माता को कुल देवी माना जाता है।

सैनी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कुल देवी के नाम में भी अंतर होता है। जैसे, राजस्थान में सैनी समाज की कुल देवी को ‘श्री शकम्बरी माता’ माना जाता है। उत्तर प्रदेश में सैनी समाज की कुल देवी को ‘श्री जगदम्बा माता’ या ‘श्री शीतला माता’ माना जाता है।

इसलिए, Saini Caste की कुल देवी के बारे में विभिन्न मत होते हुए उसका निर्धारण निर्भर करता है कि किस राज्य या क्षेत्र से बात की जाए।


FAQ’S:-

प्रश्न 1 – सैनी जाति के लोग किस वर्ग में शामिल किये गए है ?

उत्तर - इस जाति के लोग सामान्य वर्ग ( General Caste ) की श्रेणी में आते है।

प्रश्न 2 – सैनी कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर - सैनी अनेक उपजातियों और समुदायों से मिलकर बने हुए हैं। भारत में सैनी समुदाय कुछ 
राज्यों में सामान्य वर्ग के रूप में गिनाए जाते हैं जबकि कुछ राज्यों में वे अन्य पिछड़ा वर्गों के साथ 
शामिल होते हैं। इसके अलावा, भारत के अलग-अलग राज्यों में Saini Caste अलग-अलग नामों 
से भी जाने जाते हैं, जैसे पंजाब में सैनी, हरियाणा में सैनी, उत्तर प्रदेश में सैनी, राजस्थान में सैनी 
और महाराष्ट्र में शिम्पी आदि।

प्रश्न 3 – सैनी जाति के लोगो का प्रमुख व्यवसाय क्या है ?

उत्तर - इस जाति के लोग कृषि, पशुपालन, व्यापार तथा कई विभिन्न क्षेत्रों में अपना व्यवसाय करते है।

प्रश्न 4 – सैनी समाज की कुल देवी कौन है ?

उत्तर - इस समाज की कुल देवी माता दुर्गा है।

प्रश्न 5 – सैनी समाज की कुछ प्रमुख उपजातियो के नाम बताइये ?

उत्तर - इस समाज में तोमर, चाहर, चौहान, देशवाल आदि उपजातियां पायी जाती है।

निष्कर्ष :-

इस लेख के माध्यम से आपने Saini Caste in Hindi के बारे में काफी रोचक जानकारी हासिल की जिसे पढ़ने के बाद आपको इस जाति से जुड़े कई प्रश्नों के जवाब मिल गए होंगे।

हम आशा करते है, यह लेख आपको सैनी जाति के बारे में अधिक जानकारी देने में सहायक साबित हुआ होगा।

आप चाहे तो इस लेख को अपने दोस्तों में शेयर करके उन्हें भी इस खास जानकारी से रूबरू कर सकते है। इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद !


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