Tomar Caste Meaning In Hindi – ” तोमर ” कौन सी जाती होती है ?

Tomar Caste Meaning In Hindi :- भारत में तोमर जाति का इतिहास काफी पुराना रहा है, इस जाति की उत्पत्ति 12 वी -13 वी सदी की मानी जाती है, इस जाति के लोगों ने समाज निर्माण में अपना पूर्ण योगदान दिया है।

इसलिए आज हम आपको tomar caste meaning in hindi के द्वारा इनके बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे है, जिसमे आप इनके इतिहास से लेकर वर्तमान स्थितयो का आकलन कर सकेंगे। 


Tomar Caste Meaning In Hindi

Tomar caste का हिंदी अर्थ यही तोमर जाति। भारत में तोमर जाति का उदगम तोमर वंश से प्रारम्भ हुआ, तो आइये इस वंश के बारे में कुछ खास जानकारी हासिल करते है।

तोमर वंश

तोमर वंश भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण राजवंश था। यह वंश 13 वीं से 19 वीं शताब्दी तक बंगाल और बिहार क्षेत्रों में शासन करता रहा।

तोमर वंश के संस्थापक महाराज गोपाल थे। इस वंश के सदस्यों ने दक्षिण बंगाल में कई भूमिहीन लोगों को अपने अधीन किया था। यह वंश नागरिक शासन के लिए भी जाना जाता था। Tomar caste  में गौड़, समतत, और वैषाली उपजाति के लोगों को अधिकारियों के रूप में नियुक्ति किया जाता था।

तोमर वंश का अधिकांश शासनकाल पश्चिम बंगाल में था, जिसमें वे कई महत्वपूर्ण शहरों को अपने अधीन किया था। इस वंश के समय में बंगाल का समृद्धि का काल था जब धर्म, संस्कृति, कला और साहित्य के क्षेत्र में बहुत से विकास हुए थे।

तोमर वंश का अंत 19 वीं सदी में आया जब वे ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हो गए थे। इस वंश के अनेक महान साहित्यकार, लेखक, कलाकार और वैज्ञानिक थे।


तोमर जाति में आने वाली उपजातियां

जैसा कि आपने tomar caste meaning in hindi के द्वारा तोमर जाति को समझ ही लिया होगा, लेकिन इनकी कुछ उपजातियां भी हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं। कुछ उपजातियों के उदाहरण निम्नलिखित हैं :-

  1. तोमर जाति के मुख्य उपजातियों में से एक हैं “बघेल” जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पायी जाती है।
  2. “तंवार” उपजाति तोमर जाति की दिल्ली और हरियाणा में पायी जाती है।
  3. “काच्छी” उपजाति तोमर जाति के बिहार और झारखंड में पायी जाती है।
  4. “थारी” उपजाति तोमर जाति के राजस्थान में पायी जाती है।
  5. “भदौरिया” उपजाति तोमर जाति के ओडिशा में पायी जाती है।

यह उपजातियां अपनी – अपनी विशेषताओं और अंतर्निहित संस्कृति से अलग-अलग होती हैं।


तोमर जाति के लोगों का प्रमुख व्यवसाय

Tomar caste के लोग विभिन्न व्यवसायों में लगे हुए हैं। हालांकि, कुछ व्यवसाय उनके मुख्य व्यवसाय होते हैं, जो निम्नलिखित है :-

  1. कृषि: तोमर जाति के लोगों का अधिकांश भाग कृषि व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। वे अपनी जमीन पर अनाज, फल, सब्जियां, चारा आदि उगाते हैं।
  2. पशुपालन: तोमर जाति के लोग गाय, भैंस, बकरी, मुर्गा आदि के पालन-पोषण के लिए भी जाने जाते हैं।
  3. उद्योग: तोमर जाति के लोगों में उद्योग भी उत्पादन, संचार, वित्तीय सेवाएं आदि में होते हैं। उन्होंने कई उद्योग जैसे कि मोटर यान रिपेयर, रंगशाला, धातु के उत्पादन आदि में अपने जिन्मेदारियों से लेकर आज के दौर में डिजिटल मार्केटिंग और बिजनेस से जुड़े हुए हैं।
  4. शिक्षा: tomar caste के लोग शिक्षा क्षेत्र में भी कई उच्च पदों पर कार्यरत है।

तोमर जाति के लोगों की परम्परायें

तोमर जाति के लोगों की परंपराएं विविधता से भरी हुई हैं और उन्होंने अपनी परंपराओं को संभालकर रखा है। कुछ प्रमुख परंपराएं निम्नलिखित हैं :-

  1. विवाह परंपरा: तोमर जाति के लोग अपनी विवाह परंपरा को बहुत महत्व देते हैं। वे अपने वंशजों को शादी करने से पहले खुद की और विरासत में मिली जमीन, प्रॉपर्टी आदि के बारे में ध्यान रखते हैं। इसके अलावा, तोमर जाति के लोग शादी के अनेक पौराणिक रीति-रिवाजों को भी मानते हैं।
  2. धार्मिक परंपरा: tomar caste के लोग धार्मिक परंपराओं को बहुत महत्व देते हैं। वे हिंदू धर्म के अनुसार अपनी धार्मिक कार्यक्रम और उत्सवों का आयोजन करते हैं।
  3. किसानी परंपरा: तोमर जाति के लोग अपनी किसानी परंपराओं को भी महत्व देते हैं। वे कृषि से जुड़ी त्योहारों का आयोजन करते हैं और इस प्रकार अपनी परंपराएं संभालते हैं।
  4. विद्या परंपरा: तोमर जाति के लोग अपनी विद्या परंपराओं को भी महत्व देते हैं।

तोमर जाति का सामाजिक महत्व

तोमर जाति का सामाजिक महत्व भारत के उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और उत्तराखंड राज्य में है। वे भारत की एक प्रभावशाली जातियों में से एक हैं।

tomar caste  के लोग सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों की लड़ाई में अहम भूमिका निभाते आए हैं। वे इतिहास में कई बार अपनी बढ़ती हुई शक्ति के कारण राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर चुके हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण संघर्ष युगों से शुरू होते हुए आज तक चल रहे हैं।

तोमर जाति के लोग अपने अंदर कई उत्साही कलाकारों को भी समेत करते हैं, जो विभिन्न रंग-मंच और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी कला और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करते हैं।

इसके अलावा, तोमर जाति के लोग अपनी धार्मिक और पारंपरिक अनुष्ठानों को भी बहुत महत्व देते हैं। वे धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं और इस प्रकार अपनी संस्कृति और परंपराओं को संभालते हैं।

इस लेख में आपने tomar caste meaning in hindi जानकारी के साथ साथ इस जाति के बारे में काफी रोचक जानकारी हासिल की तो आइये इस जाति की कुल देवी के बारे में जानते है।


तोमर जाति की कुल देवी

तोमर जाति की कुल देवी के रूप में देवी अरवाई माता को माना जाता है। वे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में विद्यमान हैं और इन क्षेत्रों में तोमर जाति के लोग उनकी पूजा करते हैं।

देवी अरवाई माता के बारे में कहा जाता है कि वे समृद्धि, शक्ति, धन और सौभाग्य की देवी हैं। उन्हें tomar caste के लोग विवाह, नए उद्योगों की शुरुआत, नए घर या कारोबार की शुरुआत और धन के संबंधों में शुभकामनाएं देते हैं। इस प्रकार वे देवी अरवाई माता को अपनी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं।


सरकार द्वारा तोमर जाति को मिलने वाली सुविधाएं

भारतीय सरकार ने तोमर जाति के लोगों को विभिन्न सुविधाओं और योजनाओं के माध्यम से लाभ प्रदान किया है। कुछ महत्वपूर्ण सुविधाओं के बारे में निम्नलिखित हैं :-

  1. स्कॉलरशिप: सरकार द्वारा तोमर जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इससे उन्हें अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता मिलती है।
  2. आवास: सरकार द्वारा tomar caste के लोगों के लिए आवास योजनाएं भी शुरू की गई हैं। इससे उन्हें सस्ते और सुरक्षित आवास की सुविधा मिलती है।
  3. शिक्षा का सबलीकरण: सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में तोमर जाति के लोगों के लिए अनेक योजनाएं चलाई जाती हैं। इससे उन्हें उच्च शिक्षा के लिए सुविधाएं भी मिलती हैं।
  4. उद्योग विकास: सरकार द्वारा तोमर जाति के लोगों के लिए उद्योग विकास के कई योजनाएं शुरू की गई हैं। इससे उन्हें नौकरियों की सुविधा मिलती है और उनके आर्थिक स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।

FAQ’S:-

प्रश्न 1 – Tomar caste meaning in hindi में बताइये ?

उत्तर - Tomar caste का हिंदी अर्थ तोमर जाति से है, जो कि भारत की प्रमुख जातियों में से एक है।

प्रश्न 2 – तोमर वंश की स्थापना कब और किसने की ?

उत्तर - इस वंश की स्थापना 12 वी सदी के करीब महराज गोपाल ने की थी।

प्रश्न 3 – तोमर वंश का प्रमुख व्यवसाय क्या है ?

उत्तर - इस वंश के लोग शिक्षा, व्यापार, तकनीकी व अन्य क्षेत्रों में व्यवसाय करना उचित समझते है। 

प्रश्न 4 – तोमर किस वर्ग में आता है ?

उत्तर - यह एक क्षत्रीय जाति है, इसलिए इस जाती के लोग सामान्य वर्ग की श्रेणी में आते है।

प्रश्न 5 – तोमर वंश की कुल देवी कौन है ?

उत्तर - तोमर वंश की कुल देवी अरवाई माता है।

निष्कर्ष :-

इस लेख के अंतर्गत आपने Tomar caste meaning in hindi की जानकारी प्राप्त की जिसमें आपको इस जाति के इतिहास, इनके प्रमुख व्यवसाय, इनकी प्रमुख परम्पराओ और समाज में इस जाति के महत्व को बताते हुए जानकारी दी गयी।

हम आशा करते है, यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हुआ होगा और यदि आप आगे भी इसी प्रकार की जानकारियों को पढ़ना कहते है, तो इस वेबसाइट को जरूर विजिट करें। 


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